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CHINA VS USA मुझे लगता है की USA द्वारा छोड़ा गया तीर पुरे विश्व की परिक्रमा करते हुवे सीधा China के दिल पर जाकर लगा. FOR MORE DETAIL

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INTRO: CHINA

डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ से चीन के क्विक एक्शन से चीन को ही  रिएक्शन हो गया. एक्चुअल में देखा जाए तो जिस को टारगेट बना कर तीर छोड़ा गया accurate अपने टारगेट पर ही जाकर लगा

CHINA: दोस्तों अब इस कंडीशन में किसको टैरिफ लगाना चाहिए।

एक कंट्री की तोर पर हर कंट्री अपना फायदा सोचती है। टैरिफ पर विचार कर के डोनाल्ड ट्रम्प ने कोई गलती नहीं की। हम बताते है आप को चीन का USA में एक्सपोर्ट करीब $500 करोड़ के करीब था जबकि USA का एक्सपोर्ट चीन में $140 करोड़ है। देखना चाहिए की वर्ल्ड में कहा से तीर छूटा है और कहा जाकर लगने वाला है

CHINA: चीन ने उड़ता तीर अपने ऊपर ले लिया

 इसमें चीन को सबसे ज्यादा फाइदा हो रहा था। इस आकड़ो को अगर देखा जाये को USA ने चीन को सपोर्ट किया। जब डोनाल्ड ट्रूप ने टैरिफ मटर पर पूनेरविचार किया को देखा की चीन अमेरिकी प्रोडक्ट पर 67% टैरिफ लगा रहा था। इस के बदले अमेरिका ने chinse प्रोडक्ट पर 34% का टैरिफ लगाने का फैसला किया।तो चीन इस टैरिफ मटर पर भड़क गया और बोलै की में जवाबी टैरिफ लगाऊंगा।

CHINA: चीन हुआ डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ का शिकार

 चीन ने बिना अपने आयात और निर्यात को देखे बिना अमेरिका से टैरिफ पर उलझ पड़ा। यही पर चीन ने बड़ी गलती कर दी। चीन ने quick एक्शन ले ने से चीजे चीन को ही रिएक्शन कर ने लगी। को डोनाल्ड ट्रम्प को चीन का ये बिहेवियर पसंद नहीं आया कियो की चीन का जो 67% टैरिफ था उसे बिना सोचे समजे 84% कर दिया।

CHINA: चीन को डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ रूपी टेबलेट रिएक्शन कर गई।

 डोनाल्ड ट्रम्प को ये बात अच्छी नहीं लगी तो फिर डोनाल्ड ट्रम्प ने गुस्से में अपना टैरिफ को 95% कर दिया। फिर भी चीन नहीं माना तो डोनाल्ड ट्रम्प ने 105% 125% और 145% Chinese प्रोडक्ट पर लगा दिया अभी मैटर 145% पर अटका हुआ है। तो इसमें अबसे ज्यादा नुकशान चीन को हुआ कियोकि चीन का ही एक्सपोर्ट ही $500 करोड़ था। जो टैरिफ 10% पर करने जा रहा था 145% पर जाकर रुका

चीन: आ बैल मुझे मार,

CHINA be like: हद करदी आपने

चीन ने $500 करोड़ और $140 करोड़ के डिफरेंस को ही नहीं समाज पाया। एक्चुअल में ऐसी डील्स गुप्त तरीके से या आमने सामने बात चित के द्वारा ही होती है। तो चीन को भी इसी प्रकार से हल निकाल न चाहिए था। पर चीन ने तुरंत उलटी कर दी। इसकी वजह से 10% का टैरिफ 145% तक पहुंच गया . इसलिए कहते है की अग्रेशन हर जगह काम नहीं आता और चीन को कूट निति सीखनी चाहिए.

चीन नतीज़ा: RESULT

और USA के जाल में फास गया क्योकि USA का एक्सपोर्ट तो वैसे ही नाम मात्र का था। चीन ने बिना वजहें ही अपना नुकशान करा लिया. डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ की वजेसे से चीन के अंदर रोजगार डिस्ट्रब हो गया और कुछ कम्पनीज अंदर से हिल गयी, और कुछ कम्पनीज दुवारा वर्कर्स के वर्किंग hours काम करने पड़े। कभी कभी शांत रहकर भी बहुत बड़ी प्रॉब्लम को टाला जा सकता है. अमेरिका विश्व की नंबर 1 कंट्री है तो उस हिसाब से भी चीन को तुरंत एक्शन नहीं लेना चाहिए था चीन को टेबल टॉक करके या बात चीत कर के इस का हल निकल न चाहिए था

अब तक के लिए इतना ही ,आगे की जानकारी के लिए इंतजार करे। में आप का दोस्त खबरीलाल खबरों का बादशाह

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